sad poetry in hindi on love
तुझे देखने के लिए तड़पती है आंखे
तुझे देखने के लिए तड़पती है आंखे
ना जाने क्या क्या यत्न करती है आखें
जो बहते है दिन रात तेरी याद में
उन आंसूओं से रोज लड़ती है आंखे
ना इन्हे होश दिन का ना खबर रात की
तेरे ख्वाबों में डूबी रहती है आंखे
मुझे अकेला जान कर मेरे महबूब
लोगो की बुरी नजरे सहती है आंखे
कब आएगा लौट कर वापिस वो
रस्तों से ये ही एक बात कहती है आंखे
डर लागत है कहीं रोशनी ना चली जाए मेरी
जिस तरह से दिन रात बहती है आंखे