sad poetry in hindi on love
मैं मसरूफ किसी के दीदार में हूं
ना छेड़ो मुझे मैं मसरूफ किसी के दीदार में हूं
गुजरी है जो लड़की अभी अभी मैं उसके प्यार में हूं
क्या तिलिस्म था उसकी आंखों में क्या बताऊं यारों
मैं अभी तक नशे में हूं मैं अभी तक ख़ुमार में हूं
एक जोड़ी पायल जो खरीदी थी उसके लिए मैंने
वो पहनेगी कब बस इसी इंतजार में हूं
जहां आता नही कभी भी मौसम पतझड़ का
दोस्तों रहने लगा अब मैं उस बहार में हूं
मुझे अब निकलने की कोशिश भी ना करे कोई
मैं पूरी तरह गुम हो चुका उसके खयाल में हूं