sad poetry in hindi on love
कहने को सब है फिर भी अपना कौन है
कहने को सब है फिर भी अपना कौन है
जैसा किया तुमने प्यार ऐसा करता कौन है
जहां सब लगे है मारने एक दूसरे को
वहां लंबी उम्र की दुआ किसी के लिए पढ़ता कौन है
मोहब्बत में जैसे तुमने किया मेरे यारा
किसी के ज़ख्म अपने अश्कों से भरता कौन है
ना खुद की परवाह ना परवाह समाज की
भला इस तरह से मोहब्बत में पड़ता कौन है