sad poetry in hindi on love
हमारे आंगन में दस्तक देगी बहार कब
हमारे आंगन में दस्तक देगी बहार कब
उसकी महक से खिलेगा हमारा घरबार कब
कब ख़त्म होगा इंतजार राहें मोहब्बत में
उसके चाहने वालों में होंगे हम शुमार कब
कब करेंगे अपनी गजलों में वो ज़िक्र हमारा
उनकी कहानियों का बनेंगे हम किरदार कब
खड़ी है हमारे दरमियान जो फासलों की
मेरे महबूब भला गिरेगी वो दीवार कब
कब हम पर होंगे हमारे महबूब मेहरबान
हमारे नसीब में होगा उनका प्यार कब