sad poetry in hindi on love
मुझको दूर से जो समंदर दिखाई देता है
मुझको दूर से जो समंदर दिखाई देता है
पास आने पर वो शख्स बंजर दिखाई देता है
मुद्दत हुई कोई आया नही रहने
इसलिए घर उसका खंडर दिखाई देता है
दिखता है मंजर किसी को खोने उसकी आंखों में
एक रोता आशिक़ उनके अंदर दिखाई देता है
वो आवारा पागल प्रेमी किसी को ढूंढता हुआ
मुझको तन्हा रातों में अक्सर दिखाई देता है
धड़कता था वो भी किसी की मोहब्बत में दोस्तों
जो दिल आज तुमको पत्थर दिखाई देता है
sad poetry in hindi on love
