sad poetry in hindi on love
आग सीने की शायरी से बुझाने वाली मैं
आग सीने की शायरी से बुझाने वाली मैं
कर्ज़ मोहब्बत का जुदाई से चुकाने वाली मैं
जिसको कभी भी स्वीकार नही किया तुमने
जानां उस रिश्ते को अभी तक निभाने वाली मैं
मैं ही हूं तेरे ख्वाबों को निदो से चुराने वाली
तेरी यादों का घर दिल में बनाने वाली मैं
एक परिंदा आसमानों में उड़ने वाला तू
कँवल अपने अश्कों से जमीं पर उगाने वाली मै
तुमने मजाक उड़ाया जिसका भरी महफिल में
उस मोहब्बत के जख्म बदन पर छुपाने वाली मैं
sad poetry in hindi on love
