sad poetry in hindi on love

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | मैंने न जाने कितने गम जिये है

sad poetry in hindi on love

मैंने न जाने कितने गम जिये है

मैंने न जाने कितने गम जिये है
याद में उसकी पल पल आंसू पिये है

देखकर जिनको तू हैरान हो रहा है
ये दर्द मुझको मेरे महबूब ने दिये है

जिस पेड़ की छांव तले तू मिला करता था
वहीं बैठकर अपने ज़ख्म सिये है

मुझसे मोहब्बत का पता पूछने वाले
मैंने भी वहां पहुंचने के कई यत्न किये है

यूं ही नहीं लगाए फिरता हूं गले से मैं
ये गम मैंने सुकून के बदले में लिये है

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