sad poetry in hindi on love
मेरी बेचैनियां बढ़ाता है
मेरी बेचैनियां बढ़ाता है
जब तेरा आंचल हवा में लहराता है
फूल बालों का मंद मंद मुस्काता है
कंगन हाथ का मुझको चिढ़ाता है
सताता है तेरे पास न होने का एहसास तब
जब रात का दीया बुझ जाता है
रोज आता है दबे पांव मेरी नीदों में तू
और एक फूल ख्वाब का खिला जाता है
कितनी मोहब्बत है उससे मुझको
कोई जाकर उसको क्यूं नही बताता है
sad poetry in hindi on love
