sad poetry in hindi on love
आज भी तुम याद आ जाते हो
आज भी तुम याद आ जाते हो
आज भी तुम दर्द बढ़ा जाते हो
एक तरफ लंबी काली तन्हा राते
उस पर तुम नीदे उड़ा जाते हो
मैं अगर बुझाती हूं दिया उम्मीद का
तो तुम उसे फिर से जला जाते हो
लिपट जाते हो मेरे जिस्म से याद बनकर
और मेरी बैचेनी बढ़ा जाते हो
करते हो बाते गज़लों में मुझसे
कविता एक सुंदर सी सुना जाते हैं
तेरा दिया गुलाब जो सुख चुका है
तुम उसे फिर से महका जाते हो