sad poetry in hindi on love
याद कर तुझको रोज़-ओ-शब रोता रहा
याद कर तुझको रोज़-ओ-शब रोता रहा
मैं तन्हाई के कंधे पर रखकर सर रोता रहा
कहीं तेरा नाम न आ जाए ज़ुबान पर मेरी
इसलिए मैं सिलकर अपने लब रोता रहा
आंखे पत्थर और बदन सहरा हो गया
फिर भी गई न तेरी तलब सनम रोता रहा
जो कभी आए न लौटकर वापिस बहार में
उन परिंदों को याद कर आज शजर रोता रहा
तेरे सिवा और कोई न था जो सुनता मेरा गम
इसलिए मैं गजलों में लिखकर अपनी तड़प रोता रहा
sad poetry in hindi on love
