sad poetry in hindi on love
मेरे गम का यहां कोई कद्रदान नही है
मेरे गम का यहां कोई कद्रदान नही है
बिक जाये जहां ये ऐसा कोई बाज़ार नही है
ढाल लिया मैंने फिर इसको शायरी में दोस्तों
इसको सुनने के लिए यहां कोई तैयार नहीं है
बताया जब पेशा अपना मोहब्बत मैंने
तो सब कहते है इससे बदनाम कोई काम नही है
लिखा है तो सिर्फ सफ़र हमारे नसीब में
हम मुसाफिरों का यहां कोई मकान नही है
तुम क्या समझोंगे दर्द किसी दिल का
क्योंकि इसके टूटने की कोई आवाज़ नही है
मोहब्बत तो रिश्ता होता है दो रूहों का
दोस्त ये जिस्मों का कोई व्यापार नही है
sad poetry in hindi on love
