sad poetry in hindi on love
हो जाती है इक गज़ल मुकम्मल तेरे आने से
हो जाती है इक गज़ल मुकम्मल तेरे आने से
तेरा क्या जाता है कुछ वक्त मेरे साथ बिताने से
आज तक मरा नहीं वो शायर मेरी जानेजा
जो हुआ था जिंदा कभी तेरे मुस्कुराने से
मैने उसे लाख समझाया पर वो समझी नहीं
मोहोब्बते बढ़ती है तो सिर्फ मुलाकाते बढ़ाने से
तुमने तो तोड़ दिए सारे ही रिश्ते मुझसे
मैं मिलने आऊं भी तो आऊं किस बहाने से
मुझे दिल से निकालकर जाने वाले
मैने भला कब मांगी थी रिहाई इस कैदखाने से
आज भी सजती है महफ़िले तेरे नाम से
आज भी आती है सदाये मेरे रोने की मायखाने से