sad poetry in hindi on love
तेरे लिए परिवार से बगावत नही करने वाले
तेरे लिए परिवार से बगावत नही करने वाले
बे वफ़ा अब हम दोबारा चाहत नही करने वाले
बेफिक्र होकर मना जश्न हमारी तबाही का
हम किसी से इसकी शिकायत नही करने वाले
तुझ पे भरोसा करके जो गुनाह किया है हमने
हम उसके लिए खुद पर रिआयत नही करने वाले
ये गम ए मोहब्बत हमें जान से भी ज्यादा अज़ीज़ है
हम इसमें कभी भी कोई राहत नहीं करने वाले
देखकर मेरी हालत एक बात तो पक्की है
आशिक़ महबूब के लिए अब इबादत नही करने वाले