sad poetry in hindi on love
हम पर भी ये दौर ए कयामत गुजर चुका है
हम पर भी ये दौर ए कयामत गुजर चुका है
दिल किसी की मोहब्बत में सवर कर उजड़ चुका है
जिसके इंतजार में जाग कर काटी थी राते हमने
वो किसी और के साथ रिश्ते में बंध चुका है
बसाया था जो शहर दिल में उसकी यादों का
वो आज पूरा का पूरा खंडर में बदल चुका है
करता था जो तुमसे मोहब्बत दिल ओ जान से
जानेजा वो आशिक़ तो कब का मर चुका है
देखकर ऐसी हालत आज मोहब्बत की दोस्तों
मेरा तो मोहब्बत से अब यक़ीन उठ चुका है