sad poetry in hindi on love
माना मोहब्बत का कोई दीन नही
माना मोहब्बत का कोई दीन नही
पर इसके जितना भी कोई हसीन नही
खुदा को मनाने जा रहे हो तो जान लो
खुदा को इसके सिवा कुछ अजीज नही
यार के लिए जिसने बांध लिए घुंघरू
उस फ़कीर जितना कोई अमीर नही
जहां खिल न सके फूल मोहब्बत का
इस दुनिया में ऐसी कोई जमीन नही
तू नसीब में है या नही और बात है
पर अपनी मोहब्बत तो मुझसे छीन नही
sad poetry in hindi on love
