sad poetry in hindi on love
रह जाती है बदन में खुशबू उस की
रह जाती है बदन में खुशबू उस की
दुआ में पढ़ता हूं मैं आरज़ू जिस की
जिसने किया मुझको मुकम्मल
भला उसके सिवा करता जुस्तुजू किस की
वो ही था मेरे दिल का जानी दोस्तों
महफ़िल में छिड़ी थी आज गुफ़्तुगू जिस की
जिसको ढूंढता हूं रातभर ख्वाबों में
आईने में दिखती है तस्वीर हूबहू उस की
मैंने तो सजदे में मांगा है तुझको ही
इबादत में बैठता है भला तू किस की
sad poetry in hindi on love
