sad poetry in hindi on love
हमने कहां मोहब्बत का ये उसूल जाना था
हमने कहां मोहब्बत का ये उसूल जाना था
की उसे एक भ्रम समझ कर भूल जाना था
मुकर जाना था आशिक़ी से महबूब की
और छोड़कर उसको हमेशा के लिए दूर जाना था
समय रहते संभाल लिए खुद को हमने
वर्ना ये इश्क़ उस बेवफ़ा के पीछे फिजूल जाना था
निदो में ही सही लेकिन जिया जिसे रोज हमने
वो ख़्वाब एक न एक दिन टूट जाना था
इस वास्ते हमने छोड़ दी मोहब्बत
हां वही मोहब्बत जिसे खुदा के सामने कबूल जाना था
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