sad poetry in hindi on love
ये हुस्न ए बहार तू लाया कहां से
ये हुस्न ए बहार तू लाया कहां से
कोई ताल्लुक है तेरा परियों के जहां से
सूरत है या है कोई मूर्त खुदा की
जिसे पाने की दुआ निकली हर जबां से
अपनी मिट्टी से जुड़े हम आम लोग
रिश्ता कैसे कोई बना ले आसमां से
खुदा की इबादत में भी ढालती है ख़लल
निकालूं कैसे उसको अपने दरमियां से
जिन आंखों से बच रहे हो तुम जानां
रास्ते मोहब्बत के निकलते है वहां से
sad poetry in hindi on love
