sad poetry in hindi

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | एक ही गुनाह अब हम बार बार न करेगे

sad poetry in hindi on love

एक ही गुनाह अब हम बार बार न करेगे

एक ही गुनाह अब हम बार बार न करेगे
उस बे वफा से दोबारा प्यार न करेगे

वो खुश है अगर हमारे बिना दोस्तों
तो हम भी उसको अब परेशान न करेगे

छोड़ देगे उसकी गालियां उसका गांव भी
पर उसको मोहब्बत में कभी बदनाम न करेगे

जिस पर हक सिर्फ और सिर्फ उसका है
वो दिल हम किसी और के नाम न करेगे

करेगे तुझसे तमाम उम्र बे-इंतिहा मोहब्बत
और ये करके तुझ पे कोई एहसान न करेगे

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