sad poetry in hindi on love
इजहार मोहब्बत का भी लबों तक ला न सके
इजहार मोहब्बत का भी लबों तक ला न सके
उसको अपना गम भी हम कभी बता न सके
कभी दी न जिसने कोई तवज्जोह हमको
उसको उम्रभर हम अपने दिल से भुला न सके
बड़ी कोशिश की उन्होंने मेरी आंखों में पढ़ने की
पर हम है की अपनी नजरे उनके सामने उठा न सके
रोज लिखते थे जो गीत मोहब्बत का उनके लिए
वो गीत भी उनकी महफ़िल में कभी गा न सके
रखा था जिसको कब से महफ़ूज़ दुनिया से
उस दिल को भी मोहब्बत से हम बचा न सके