sad poetry in hindi

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | मैं आईने मे खुद को देखकर डर गया

sad poetry in hindi on love

मैं आईने मे खुद को देखकर डर गया

मैं आईने मे खुद को देखकर डर गया
जो तेरा वजूद था मुझमे आज वो मर गया

रहता है शोर हर पल तन्हाइयों का मेरे अंदर
जो हसता था मुझमे वो शख्स किधर गया

बात भी करता हूँ तो आवाज लड़खड़ाती है
गले तक दोस्त गम मेरे अब भर गया

अब तो एक मुद्दत लगेगी समेटने मे उसे
जो मेरे अंदर था दिल आज वो बिखर गया

लोग मिलते गए और लोग छूटते गए
बस मैं ही एक था जो सफर मे रह गया

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