sad poetry in hindi on love
मैं तुझको मेरे महबूब आज पढ़ना चाहता हूँ
मैं तुझको मेरे महबूब आज पढ़ना चाहता हूँ
फिर एक गजल मुकम्मल करना चाहता हूँ
करने के लिए पूरे तेरे एक एक ख़्वाब को
मैं पहले उनको अपनी आँखों मे भरना चाहत हूँ
उठाने के लिए पूरा का पूरा मज़ा वस्ल का
मेरे महबूब मैं पहले तुझ से बिछड़ना चाहता हूँ
जो ले जाते है तुझ से दूर मुझ को
मैं आज वो सारे रस्ते बदलना चाहता हूँ
पकड़ कर तेरा हाथ आज उम्रभर के लिए मैं
मोहोब्ब्त के सफर पर निकलना चाहता हूँ