sad poetry in hindi on love
होंसले मोहोब्ब्त के बढ़ते जा रहे है
लोग दिन ब दिन डरते जा रहे है
होंसले मोहोब्ब्त के बढ़ते जा रहे है
काट रहे है पर परिंदों के वो और
कब्जा आसमान पे करते जा रहे है
जो बताता है खुदा इश्क़ को
फतवे उसके खिलाफ पढ़ते जा रहे है
भर दी है इतनी नफरते दिलो मे
की अब उसी से वो मरते जा रहे है
ए परवरदीगर तेरे बनाए हुए बंदे
धीरे धीरे खुदा बनते जा रहे है