sad poetry in hindi on love
रात के जंगल मे भटकते ख़्वाब सा था
रात के जंगल मे भटकते ख़्वाब सा था
वो ताउम्र मेरे लिए एक सवाल सा था
जिस को मिलकर दिल करे बहकने का
वो जिंदगी से हुई ऐसी मुलाक़ात सा था
न ही बता पाये न ही गुनगुना पाये जिसे
वो मेरे दिल मे बजते उस साज सा था
उसके वस्ल का इंतज़ार मेरे लिए दोस्तों
सुबहा के इंतज़ार मे तड़पती रात सा था
इसलिए भी कभी जाने न दिया दिल से उसे
वो खुदा से मिली मुझ को खैरात सा था