sad poetry in hindi on love
तुझको भी दर्द जुदाई का सताने लगे
तुझको भी दर्द जुदाई का सताने लगे
फिर उसको भरने मे जमाने लगे
न पाकर मुझको पास अपने
यादे दीमक बनकर तुझको खाने लगे
जब इंतिहा हो जाए तेरे सहने की
तब तड़प कर तू मुझको बुलाने लगे
जो लिखी थी मैंने तेरे लिए कभी
वो गजल पढ़कर तू मुझको मनाने लगे
उस दिन मुझको समझ कर अपना
यार तू हक मुझ पर जताने लगे
sad poetry in hindi on love
