sad poetry in hindi on love
टूटने न देगे तेरी मोहोब्ब्त का भरम
टूटने न देगे तेरी मोहोब्ब्त का भरम
दर्द जिगर का भी होने न देगे कम
तेरे घर की एक लाड़ली लड़की तू
अपने परिवार के अहम शख्स हम
लिखूँ तेरी वफा या लिखूँ तेरी दगा
कशमकश मे है आज मेरी कलम
ढह जाऊंगा एकदिन दीवार की तरहा
अंदर ही अंदर फैल चुकी है इतनी नम
रहने नहीं देते एक पल भी मुझे तन्हा
कितने ही प्यारे है दोस्त तेरे गम
दोस्त शामिल है तू मुझ मे ऐसे
की तेरे नाम पे निकले मेरा हर दम
sad poetry in hindi on love
