sad poetry in hindi on love
मैं आज भी तुझसे जुदा नहीं हूँ
मैं आज भी तुझसे जुदा नहीं हूँ
अकेला हूँ मगर मैं तन्हा नहीं हूँ
कर लेता हूँ कभी कभार याद
मैं तुझको आज भी भुला नहीं हूँ
हूँ मैं पागल मोहोब्ब्त मे तेरी
पर मैं बे वफा तुझ सा नहीं हूँ
पत्थर बना गयी तेरी जुदाई मुझे
वरना मैं कठोर इतना नहीं हूँ
करता हूँ आज भी तुझसे मोहोब्ब्त
इस सच्च से कभी मुकरा नहीं हूँ
कहीं हो न जाए खड़ा कोई तमाशा
इसलिए तेरी गली से कभी गुजरा नहीं हूँ