sad poetry in hindi on love

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | लिखते तुझ को बे वफा मगर रहने दिया

sad poetry in hindi on love

लिखते तुझ को बे वफा मगर रहने दिया

लिखते तुझ को बे वफा मगर रहने दिया
सब को इस राज से बे खबर रहने दिया

इसलिए भी नहीं किया तेरा ज़िक्र ज्यादा
तेरा किरदार कहानी मे मुख्तसर रहने दिया

जो याद दिलाता है मुझ को तेरे धोखे की
आँगन मे लगाया तेरा वो शजर रहने दिया

कौन पाना चाहता है अब मंज़िल तेरे बाद
तेरे बाद खुद मे शामिल एक सफर रहने दिया

रहने दिया तेरा दिया जख्म हरा, किसी भी
दवा का असर उस पर बे असर रहने दिया

रखा दर्द को दबा कर ताउम्र सीने मे दोस्त
और मुस्कान को अपने होंठों पर रहने दिया

sad poetry in hindi on love
sad poetry in hindi
sad poetry in hindi on love
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