sad poetry in hindi on love
दिल को ऐसे मेरे रूस्वा न कर
दिल को ऐसे मेरे रूस्वा न कर
खुद से तू मुझ को जुदा न कर
दे नहीं सकता जो साथ उम्रभर का
फिर मेरी लंबी उम्र की दुआ न कर
न कर कोशिश दिल मे आने की फिर से
फिर से एकबार मुझ को तन्हा न कर
पड़ा रहने दे बेजान एक कोने मे
छु कर तू मुझ को जिंदा न कर
मैं भी एक इंसान ही तो हूँ
इतना दर्द देकर मुझ को खुदा न कर