sad poetry in hindi on love

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | जो करता है बात रखने की मुझे हदों के बीच

sad poetry in hindi on love

जो करता है बात रखने की मुझे हदों के बीच

जो करता है बात रखने की मुझे हदों के बीच
उसे कहों एक दरियाँ छुपा है मेरी पलकों के बीच

चादर पर पड़ी एक एक सिलवट बता रही है
रात कटी है मेरी कितनी ही करवटों के बीच

एक तूफान है मेरे अंदर गम का दोस्त
दबा रखा है जिसे मैंने कहकहों के बीच

थरथरा जाता हूँ किसी रेल की पटरी सा मैं
तब जब दौड़ता है तू मेरी साँसों के बीच

जब सताती है तेरी याद बड़ी ज्यादा मुझको
थोड़ी सी पी लेता हूँ बैठकर दोस्तों के बीच

इतनी आदत हो चुकी है हमे मोहोब्ब्त की
नफ़रतो मे भी खिला दिये फूल सरहदों के बीच

sad poetry in hindi on love
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