sad poetry in hindi

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | ये दिल ये जिगर ये जान कुछ भी नहीं

sad poetry in hindi on love

ये दिल ये जिगर ये जान कुछ भी नहीं

ये दिल ये जिगर ये जान कुछ भी नहीं
तेरे आगे तो ये जहान कुछ भी नहीं

अगर मैंने एकबार खोल लिए अपने पर
फिर तो ये आसमान कुछ भी नहीं

नहीं है मेरी ज़िद्द तेरे सपनों से बड़ी
तेरे सपनों के आगे मेरे अरमान कुछ भी नही

लिख दूँगा सब कुछ नाम तेरे मैं
फिर एक पुश्तेनी मकान कुछ भी नहीं

हम तो निकले है उस रास्ते पर दोस्त
जहां बचता नाम और निशान कुछ भी नहीं

आशिक जो करते है अपने सुकून के लिए करते है
होता किसी पे एहसान कुछ भी नहीं

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