sad poetry in hindi on love
ज़ख्म भी मेरे वो भरने नहीं देते
ज़ख्म भी मेरे वो भरने नहीं देते
मोहोब्ब्त से भी अपनी संभलने नहीं देते
जिन आँखों मे है तस्वीर उनकी
उनसे भी आँसू निकलने नहीं देते
नहीं रहने देते एक पल के लिए भी तन्हा
और साथ भी अपने चलने नहीं देते
अगर उनकी मंज़िल मैं नहीं तो
फिर क्यूँ रस्ता मुझको बदलने नहीं देते
जो लिखे थे उन्होने मेरे लिए
वो ख़त भी कभी पढ़ने नहीं देते
न आते है खुद करीब मेरे वो
मेरे पास भी किसी को रहने नहीं देते
sad poetry in hindi on love
