sad poetry in hindi on love
मुझ को तेरा घर बार चलाना है
मुझ को तेरा घर बार चलाना है
एक एक लम्हा जिंदगी का तेरे साथ बिताना
करनी है सेवा तेरे माता पिता की
बहू नहीं बेटी बनकर फ़र्ज़ निभाना है
जब आओ शाम को थके हारे तुम
तो खाना अपने हाथ से खिलाना है
लेकर कप चाये का हाथ मे अपने
सुबहा सुबहा तुझको उठाना है
इस पूरी दुनियाँ मे मुझको यारा
घर सिर्फ तेरे दिल मे बसाना है
और तेरे ईटों से बने मकान को
मुझे एक मुकम्मल संसार बनाना है
sad poetry in hindi on love
