sad poetry in hindi on love
मेरी मोहोब्ब्त उसके अंदर ऐसा शौर मचाएगी
मेरी मोहोब्ब्त उसके अंदर ऐसा शौर मचाएगी
वो खुद ब खुद मेरे पास दौड़ी चली आएगी
रख देगी खोलकर तब अपना दिल मेरे सामने
और अपने दर्द मुझको रो रो कर सुनाएगी
जिन को बताकर उसने छोड़ा था मुझ को
वो उन सारी मजबूरीयों को उस दिन भूल जाएगी
लगेगी उसके अंदर ऐसी आग इश्क़ की दोस्तों
वो खुद भी जलेगी और मुझको भी जलाएगी
बिताए है कैसे उसने दिन मेरी जुदाई मे
गले अपने लगाकर वो मुझको बताएगी
इज़हार मोहोब्ब्त का सुनने के लिए मुझसे
दोस्त वो मेरी हज़ारो मिन्नते लगाएगी