sad poetry in hindi on love
उसकी खामोश आँखों से डर लगता है
उसकी खामोश आँखों से डर लगता है
छोड़कर जाने वाली बातों से डर लगता है
जो काटनी पड़ रही है उसके बीना
मुझे उन रातों से डर लगता है
रख देती है जो चिर कर सिना मेरा
उसकी उन यादों से डर लगता है
जो कर न सका मैं पूरे कभी भी
चुबते हुए उन वादों से डर लगता है
इतनी आदत हो चुकी है पतझड़ की
अब आती हुई बहारों से डर लगता है
भड़का देती है जो मेरे अंदर की आग
सावन की उन बरसतों से डर लगता है
sad poetry in hindi on love
