sad poetry in hindi on love
इन राहों पे बिखरे हुए अरमान रह जाते है
इन राहों पे बिखरे हुए अरमान रह जाते है
आशिक़ों के सिर्फ पैरों के निशान रह जाते है
रह जाते है इन राहों पे उदास काले बादल
और रोते हुए तन्हा आसमान रह जाते है
मुरझा जाते है जब सारे फूल एकदिन तो
बहार का इंतज़ार करते बागबान रह जाते है
फिर आवाज़ सुनने के लिए अपने महबूब की
सारी ही जिंदगी तरसते कान रह जाते है
चली जाती है रूह तो अपने महबूब के साथ
जिस्म खाली सिर्फ मेरी जान रह जाते है
रह जाते है बस दर्द,गम ताउम्र के लिए यहाँ
सुख तो सिर्फ बनके मेहमान रह जाते है