sad poetry in hindi on love
जुदा होकर तुमसे हम जहाँ जहाँ रहे
जुदा होकर तुमसे हम जहाँ जहाँ रहे
तेरे गम हम पर बड़े ही मेहरबाँ रहे
रहे या न रहे तेरी आँखों मे प्यार हमारे लिए
पर हमारे जरूर तेरे दिये ज़ख्म हम-ज़बा रहे
कैसे याद रखते हम शोखियाँ बहार की
जब मौसम जुदाई के दिल मे बनके ख़िज़ाँ रहे
न पा सके तुमको हम मोहोब्ब्त मे जानां
न मिटा सके वो फासले जो हमारे दरमियाँ रहे
रहे कभी न खत्म होने वाले सफर मे हम
हम मुसाफिर बनकर साथ गम ए कारवाँ रहे
तुम से मोहोब्ब्त करने की ये सजा मिली
की सारी जिंदगी ही हमारे इम्तिहाँ रहे
sad poetry in hindi on love
