sad poetry in hindi on love
तू मुझ को भुला क्यों नहीं देता
तू मुझ को भुला क्यों नहीं देता
मेरी तस्वीर अपने कमरे से हटा क्यों नहीं देता
जिन खतों को पढ़ कर आती है याद मेरी
तू उन खतों को जला क्यों नहीं देता
मैं जा चुकी हूँ जिंदगी से तेरी
बात इतनी सी अपने दिल को बता क्यों नहीं देता
अपनी तड़पती हुई मोहोब्ब्त को जानां
तू सुकून की कोई दुआ क्यों नहीं देता
क्यों नहीं करता खुद से जुदा मुझ को तू
मेरे एहसास को हमेशा के लिए दबा क्यों नहीं देता
इस से पहले ये बन जाए नासूर तेरे लिए
तू इस दर्द को आसुओ मे बहा क्यों नहीं देता
sad poetry in hindi on love
