sad poetry in hindi on love
आज मोहोब्ब्त का इज़हार करूँ या न करूँ
आज मोहोब्ब्त का इज़हार करूँ या न करूँ
उनसे अपने दिल की बात करूँ या न करूँ
अभी तक जो दिल मसरूफ़ था कार-ए-जहाँ मे
मोहोब्ब्त मे उस को बर्बाद करूँ या न करूँ
कयामत से पहले ही कयामत आ जाती है इश्क़ मे
बता ए-दिल इसका आगाज़ करूँ या न करूँ
जिस एक तरफा मोहोब्बत मे तड़प रहा हूँ मैं
बता आज उस दर्द का बखान करूँ या न करूँ
क्या हो जाऊँ हमेशा के लिए कैद उसके दिल मे
या फिर ज़ुल्फों से खुद को आज़ाद करूँ या न करूँ
हो जाऊँ महरूम महबूब की नजर-ए-इनायत से
या बता उसकी मोहोब्ब्त से खुद को आबाद करूँ या न करूँ