sad poetry in hindi on love
घर हमारे आइये या हमे बुलाइये
घर हमारे आइये या हमे बुलाइये
फिर से एकबार चोट हमे लगाइये
रोये नहीं है कब से हम यारा
आइये और हमे खूब रूलाइये
लगाइये तोहमते बेवफाई की हम पर
और हमारे इश्क़ को खूब तड़पाइये
जो लौ जल रही इश्क़ की सीने मे
अपने हाथ से उसको बुझाइये
हमारे साथ साथ आप भी आज
जरा नग्मा दर्द का गुनगुनाइये
देखकर हालत लगाइये गले से या
ओरो की तरहा आप भी तालियाँ बजाइये