sad poetry in hindi on love
उठाया नहीं जाता अब हम से बोझ तन्हाई का
उठाया नहीं जाता अब हम से बोझ तन्हाई का
कब तक करे पीछा तेरी यादों की परछाई का
आज भी बहाता है आंसूँ दिन रात दिल मेरा
आज भी सहा नहीं जाता उससे दर्द जुदाई का
चेहरा देखकर अंदाज़ा न लगाओ मोहोब्ब्त का
दिल मे उतरोगे तो पता चलेगा इसकी गहराई का
मैंने ये सोचकर भी घर और गाव छोड़ दिया
मुझे नहीं बनना था कारण तेरी जग हसाई का
जो दिया था दर्द तुमने जुदाई का मुझको यारा
आज भी असर नहीं होता उसपर किसी दवाई का
लगती है रोज़ शोक सभा बजते है साज मेरे आँगन मे
मैं आदि हो चुका हूँ अब दोस्तों इस शहनाई का