sad poetry in hindi on love
क्या करूँ मैं तेरे इस एहसास का
क्या करूँ मैं तेरे इस एहसास का
जो तुम से मिला है उस प्यार का
बुझा न पाया जो किसी की प्यास
क्या फायदा फिर ऐसे तालाब का
जिसको तू बना कर चला गया घर
तेरे नाम से रखा है नाम उस मकान का
कहते कहते जिसको तू हो गया चुप
क्या मतलब निकालूँ तेरी उस बात का
दिन मे तन्हाई काटती है मुझको तो
रात मे चुबता है टुकड़ा टूटे ख्वाब का
मोहोब्ब्त का बस यही हश्र है दोस्तों
अंत मे दर्द ही दर्द रह जाता है बेहिसाब का