sad poetry in hindi on love
तुम हमारे कितने करीब थे
तुम हमारे कितने करीब थे
और हम कितने ही बदनसीब थे
समझ न पाये तुम्हारी मोहोब्ब्त को
कितने ही बुरे हमारे नसीब थे
न बन पाये शायरी तुम्हारी गजल की
तुम जिसे गुनगुना सको न हम वो गीत थे
तुमने तो खूब लुटाई हम पर यारा
हम ही शायद मोहोब्ब्त मे फकीर थे
भरे थे तुमने ही रंग बहार के वरना
हम तो एक उजड़ी हुई तस्वीर थे
आज भी याद करके मुस्कान आ जाती है
जो बिताए तेरे साथ वो पल कितने हसीन थे