sad poetry in hindi on love
ये जो सामने लड़की खड़ी है
ये जो सामने लड़की खड़ी है
ये ही तो मेरे सपनों की परी है
छोड़कर मुझको गली में इश्क़ की
न जाने खुद अब कहां चली है
सजाया है इसी ने मेरे घर को
इसी की तस्वीर मेरे कमरे में लगी है
भरा था जिस जिंदगी को मोहब्बत से
इसी ने वो ही जिंदगी बर्बाद करी है
डालकर मुझको इश्क़ की राहों में
खुद अब किस सोच में पड़ी है
बनी थी जो हकीकत मेरे ख्वाबों की
वो आज दर्द बनकर मेरे सीने में दबी है