sad poetry in hindi

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | दर्द तेरी जुदाई का मिटाना कौन चाहता है

sad poetry in hindi on love

दर्द तेरी जुदाई का मिटाना कौन चाहता है

दर्द तेरी जुदाई का मिटाना कौन चाहता है
याद तेरी को दिल से भूलाना कौन चाहता है

जल रही है जो बनकर मोहब्बत सिने में मेरे
उस लौ को यारा अब बुझाना कौन चाहता है

जो हो चुकी है बदनाम तेरे नाम से पूरे गांव में
उसको अपनी दुल्हन अब बनाना कौन चाहता है

ख्वाब में देखकर महबूब को खिल उठा हो जिसका चेहरा
फिर भला उसको नीद से उठाना कौन चाहता है

अब तो आदत हो चुकी है तेरे गम में जीने की
तुझ से दूर अब जाना कौन चाहता है

इस मोहब्बत का नशा ही ऐसा होता है दोस्तों
एक बार जो चढ़ जाए फिर इससे बाहर आना कौन चाहता है

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