sad poetry in hindi on love

sad poetry in hindi on love | sad poetry in hindi | आज मोहोब्ब्त संभल कर चल रही थी

sad poetry in hindi on love

आज मोहोब्ब्त संभल कर चल रही थी 

आज मोहोब्ब्त संभलकर चल रही थी
ना जाने किस से डर रही थी
बनकर मेरा मुकद्दर आज वो
मेरे दामन मे सिमट रही थी
पिघल रही थी आँख से मेरे
जेहन मे ख्वाहिशा बनकर पल रही थी
देखा मैंने तो मेरे बिस्तर पर आज
वो शमा बनकर जल रही थी
ढल रही थी पल पल मेरी यादों मे
मेरे ख्वाबों मे पल पल मचल रही थी
जंजीरे जो पड़ी थी पाव मे मेरे
आज मोहोब्ब्त उसको कतर रही थी
आज वो बड़ी संभल चल रही थी
ना जाने किस से डर रही थी

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