sad poetry in hindi on love
मेरे दिल की जमीं पर उतरता हुआ
मेरे दिल की जमीं पर उतरता हुआ
मेरे ख्वाबों से रोज गुजरता हुआ
देकर गया सदा प्यार की मुझ को
मेरे गली से आज वो निकलता हुआ
हिज्र बनकर पेड़ों से झड़ता हुआ
मोहब्बत बनकर आंगन में खिलता हुआ
झिझकता है मेरे सामने आने से जो
वो मेरे अंदर ही अंदर सवरता हुआ
कविता बनकर लफ्जों में ढलता हुआ
तो कभी गजलों में बाते करता हुआ
कभी लड़ता हुआ मेरे लिए दुनिया से
तो कभी सजदे में मेरे झुकता हुआ
खाली पड़े मेरे दिल को दोस्तों वो
पल पल अपनी मोहब्बत से भरता हुआ
sad poetry in hindi on love
