sad poetry in hindi on love
आज वो मेरी बरसों की तड़प को राहत देगा
आज वो मेरी बरसों की तड़प को राहत देगा
जब वो मुझे सामने बिठाकर चाहत देगा
देगा मुझे दर्द,गम,जुदाई,आसूं और रुसवाई
साथ में हिज़्र और तन्हाई की विरासत देगा
जितनी भी लुटाऊं पर कभी भी खत्म न हो
खुदा मेरी मोहब्बत में ऐसी बरकत देगा
पढ़ कर जिसे वाह वाह कर उठे दुनिया वाले
मेरी गजलों को महफिलों में वो इज्जत देगा
देना चाहता है अगर कुछ तो दर्द दे मुझे
सिवा इसके तू मोहब्बत की क्या कीमत देगा
क्या बहायेगा आंसू तू मेरी रुख़सती पर बता
या मेरे जाने की खुशी में दोस्तों को दावत देगा