sad poetry in hindi on love
आज सुबह का रंग उसके रंग सा है
आज सुबह का रंग उसके रंग सा है
वो है यहीं कहीं मुझे भरम सा है
देखा फूलों को तो ये महसूस हुआ
उनका रूप बिल्कुल मेरे सनम सा है
हुस्न उसका अगर है मेरी नज़्म जैसा
तो मेरी गजल जैसा उसका बदन सा है
अगर है उसको मोहब्बत मुझ से तो
यारों ये उसका मुझ पर करम सा है
जिसको पढ़ना चाहता है हर कोई यहां
वो तो अखबार की उस खबर सा है
मोहब्बत के इस सफर में दोस्तों
वो मेरा एक हम सफर सा है