sad poetry in hindi on love
खुदा करे किसी को मोहब्बत में धोखा न मिले
खुदा करे किसी को मोहब्बत में धोखा न मिले
कभी भी कोई अपने महबूब से जुदा होता न मिले
बहे हर तरफ हवा सिर्फ और सिर्फ प्यार की
यहां कोई भी नफरतों के बीज बोता न मिले
डालना सबकी झोली में खुशी वस्ल की मेरे खुदा
जुदाई में अपने महबूब की कोई रोता न मिले
मिल लेता है जो एकबार मोहब्बत से मेरे दोस्तों
वो आशिक़ फिर रातों में कभी सोता न मिले
अगर मिल रहे हो तो ऐसे मिलो जैसे आखरी बार
क्या पता फिर जिंदगी में तुम्हे ये मौका न मिले
प्यार का पहला अक्षर ही अधूरा है दोस्तों
यहीं वजह है ये कभी मुक़म्मल होता न मिले